प्रिंटर क्या है? प्रिंटर कितने प्रकार के होते है तथा इसके उपयोग

नमस्कार दोस्तो, हमने आपको कंप्यूटर के आउटपुट डिवाइस के बारे में डिटेल्स में बताया था। प्रिंटर भी कंप्यूटर का एक आउटपुट डिवाइस है जिसका इस्तेमाल हम हार्ड कॉपी को पाने के लिए करते है। आपने भी कभी न कभी कोई डॉकयुमेंट फ़ाइल का प्रिंट जरूर निकलवाया होगा? तो आज हम आपको यहाँ प्रिंटर क्या होता है? प्रिंटर का इस्तेमाल कैसे किया जाता है? इसके बारे में डिटेल्स जानकारी शेयर करने वाले है।

यहाँ हम आपको प्रिंटर के अलग अलग प्रकार कौनसे है? प्रिंटर का इस्तेमाल कैसे किया जाता है और आज के समय सबसे ज्यादा चलने वाला प्रिंटर कौनसा है? इसकी सभी जानकारी देंगे।

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Printer क्या है? परिभाषा

प्रिंटर कंप्यूटर का एक आउटपुट डिवाइस होता है, जो किसी टेक्स्ट फ़ाइल, डॉकयुमेंट यां फोटो को कागज पर प्रिंट करके हार्ड कॉपी के रूप में देने का काम करता है। कंप्यूटर के अंदर मौजूद सॉफ्ट कॉपी को हार्ड कॉपी के रूप में कन्वर्ट करने का काम प्रिंटर के द्वारा किया जाता है।

प्रिंटर की खुद की अपनी एक मेमोरी होती है, जो कंप्यूटर के द्वारा तेजी से दिये गए निर्देश को खुद अपने पास सेव करके रखता है। जिसके बाद वह धीरे धीरे दिये गए इन्सट्रक्शन के आधार पर प्रिंट निकलता रहता है।

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प्रिंटर का इतिहास

प्रिंटर के इतिहास की बात करें तो Remington-Rand के द्वारा 1953 के अंदर UNIVAC Computer के लिए सबसे पहले प्रिंटर को बनाया गया था। Remington-Rand के द्वारा बनाए गए प्रिंटर के कुछ समय बाद 1957 के अंदर IBM कंपनी के द्वारा भी एक नया Dot Matrix प्रिंटर बनाया गया था।

इसके बाद अलग अलग कंपनी ने प्रिंटर के अलग अलग प्रकार के मॉडल बनाए जो आज के समय में लेसर प्रिंटर तक विकास करते हुए पहुँच गए।

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प्रिंटर कितने प्रकार के होते है?

प्रिंटर भी काफी अलग अलग प्रकार के होते है परंतु इनके काम करने के तरीके के आधार पर इसे 2 भागों में बांटा गया है।

  1. Impact Printer
  2. Non-Impact Printer

Impact Printer

इस प्रकार के प्रिंटर के अंदर प्रिंट करने के लिए एक रिबन का इस्तेमाल किया जाता है, जिस पर अलग अलग प्रकार के कैरक्टर होते है। इसके अंदर कैरक्टर कागज के ऊपर लगते है और उसके साथ साथ पेज पर अक्षर प्रिंट होते है।

Impact Printer के अंदर Print करने का System किसी Typewriter की तरह ही काम करता है। इसमें कैरक्टर कागज पर Solid Font के रूप में उकेरते है।

Impact Printer के भी आगे अलग अलग 3 प्रकार होते है।

  1. डॉट मेट्रिक्स प्रिंटर
  2. डेजी व्हील प्रिंटर
  3. ड्रम प्रिंटर

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डॉट मेट्रिक्स प्रिंटर

डॉट मेट्रिक्स प्रिंटर की प्रिंट क्वालिटी काफी अच्छी नहीं होती है। इस प्रकार के प्रिंटर के अंदर छोटी छोटी पिनों की एक मेट्रिक्स होती है, जो पेज के साथ में टकराकर प्रिंटिंग करती है। यह प्रिंटर kafi धीरे प्रिंटिंग करता है और इसमें एक साथ आप एक कैरक्टर यां अक्षर छापते है।

इसके प्रिंटर हैड में 9 से लेकर 24 Pins होती है, जिनहे इन्सट्रक्शन देने के बाद प्रिंट हेड सही पोसिशन पर आता है और कागज पर प्रिंट करने का काम शुरू कर देता है।

डॉट मेट्रिक्स प्रिंटर में नीली यां काली स्याही का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एक टाइम में आप एक रंग में ही प्रिंट कर सकते है, अगर आप किसी दूसरे कलर का प्रिंट लेना चाहते है तो आपको दूसरे कलर के रिबन का इस्तेमाल इसमें करना पड़ेगा।

इसके अंदर मेट्रिक्स से प्रिंटिंग होती है, तो आप इसकी मदद से अपनी पसंद के फॉन्ट में कैरक्टर को आसानी से प्रिंट कर सकते है। यह प्रिंटर कीमत में काफी सस्ते होते है।

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डेजी व्हील प्रिंटर

इसके नाम से स्पष्ट है की इसके अंदर एक Wheel का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अंदर जो प्रिंट व्हील होता है उसके अंतिम सिरे पर मेटलके कैरक्टर होते है, जिनहे व्हील की इस्तेमाल से घूमकर कागज पर हथोड़े की तरह दबाव डालकर प्रिंट किया जाता है।

इसमें डेजी व्हील को घूमकर प्रिंट करने के लिए सही प्रिंटिंग सिचुएशन पर लाया जाता है। इसके द्वारा प्रिंट किए हुए वर्ड काफी साफ होते थे जिस कारण पहले इंका इस्तेमाल पत्र लिखने के लिए किया जाता था।

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ड्रम प्रिंटर

Impact Printer के अंदर तीसरा टाइप ड्रम प्रिंटर है, जिसमें एक ड्रम पर सारे कैरक्टर छापे हुए होते है। इसके अंदर Typing के समय यह ड्रम तेजी से घूमता है और जो अक्षर छपना है उस पर प्रिंटर का प्रिंट हैमर चोट करता है तो वह रिबन और कागज के संपर्क में आकार अक्षर को छापता है।

इस प्रकार के प्रिंटर एक साथ में एक लाइन छाप सकते है, इसलिए इनकी Typing की Speed काफी ज्यादा अच्छी होती है।

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Non-Impact Printer

इस प्रकार के प्रिंटर पेज के संपर्क में आए बिना typing करते है इसलिए इन्हे Non Impact Printer कहा जाता है। इनके अंदर किसी प्रिंटर हैड, प्रिंटर हैमर यां प्रिंट करने के लिए व्हील का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

इस प्रकार के प्रिंटर में लेसर यां इंकजेट टेक्नॉलजी का इस्तेमाल प्रिंटिंग के लिए किया जाता है। ये प्रिंटर काफी एडवांस और तेज होते है। ये भी मुख्य रूप से तीन प्रकार के प्रिंटर होते है।

  1. थर्मल प्रिंटर
  2. इंकजेट प्रिंटर
  3. लेसर प्रिंटर

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थर्मल प्रिंटर

Thermal Printer की मदद से जो प्रिंट किया जाता है वह ज्यादा समय तक नहीं रहता है। आप एटीएम के अंदर निकले वाली पर्ची पर छापे हुए अक्षरो को कुछ टाइम बाद मिटते हुए देखा होगा, एटीएम मशीन में इसी प्रकार के प्रिंटर से पर्ची प्रिंट की जाती है।

थर्मल प्रिंटर में मोम आधारित रिबन को गरम करके पेज पर अक्षरो को प्रिंट किया जाता है, जिसका इस्तेमाल कम उपयोगी प्रिंट के लिए किया जाता है।

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इंकजेट प्रिंटर

इस प्रकार के प्रिंटर का इस्तेमाल करके हम ग्राफिक्स, फोटो और टेक्स्ट प्रिंट कर सकते है। इंकजेट प्रिंटर के अंदर स्याई की बुंदों की कागज पर बोछार कराकर प्रिंटिंग की जाती है।

आज के समय में ज़्यादातर ऑफिस में इस प्रकार का इस्तेमाल होता है। क्योंकि इसमें आप किफ़ायती कीमत पर कम खर्च पर बढ़िया क्वालिटी की फोटो ग्राफिक निकाल सकते है। इस प्रिंटर से प्रिंट किए हुए टेक्स्ट भी काफी सुंदर होते है और लंबे टाइम तक रहते है।

इसमें CMYK रंग की 4 स्याही का इस्तेमाल किया जाता है। यह स्याही अलग अलग मिक्स होकर बाकी सारे कलर को बना सकती है। जिससे आप इन चारों स्याही की मदद से बाकी जिस कलर का प्रिंट करना चाहते है उसे कर सकते है।

यह किफ़ायती दाम पर अच्छी ग्राफिक्स और क्वालिटी में प्रिंट दे देते है। इन प्रिंटर की प्रिंटिंग क्षमता भी काफी अच्छी होती है।

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लेसर प्रिंटर

इसके नाम से ही आप अंदाज लगा सकते है की इस प्रकार के प्रिंटर में लेजर बीम यां लेजर लाइट का इस्तेमाल किया जाता है। इनका इस्तेमाल हाइ क्वालिटी के ग्राफिक्स और फ़ाइल को बहुत तेज गति के साथ में प्रिंट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

इसमें प्रिंटिंग करने के लिए Ink Powder का इस्तेमाल किया जाता है, जो सेलियम की पर्त लगी ड्रम की मदद से प्रिंट करने का काम करता है। लेजर बीम का इस्तेमाल करते हुए इंक का इस्तेमाल करके इससे प्रिंटिंग निकाली जाती है।

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प्रिंटर के उपयोग और लाभ

आज के समय में प्रिंटर का हर क्षेत्र में इस्तेमाल होता है और इसके बहुत से फायदे देखने को मिलते है। जो निम्न प्रकार से है

  • प्रिंटर की मदद से आप कंप्यूटर के अंदर मौजूद किसी भी डॉकयुमेंट फ़ाइल को प्रिंट करके हार्ड कॉपी के रूप में रख सकते है।
  • इससे आप फोटो, ग्राफिक्स का प्रिंट कर सकते है।
  • काफी सारे स्टूडेंट प्रिंटर के आने के बाद अपने नोटस वगेरा के प्रिंट निकालकर इस्तेमाल कर सकते है।
  • Libraries और Organizations में किसी भी प्रकार की फ़ाइल यां डॉकयुमेंट की अलग अलग कॉपी बनाने के लिए इस्तेमाल किए जा सकते है।

इसके अलावा भी प्रिंटर का इस्तेमाल बड़ी बड़ी ऑर्गनाइज़ेशन और कंपनी में होता है, जो काम की स्पीड और उत्पादकता बढ़ाते है।

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निष्कर्ष

दोस्तो, हमने आपके साथ में प्रिंटर के इस्तेमाल होने से लेकर इसके कितने टाइप है इसकी सारी जानकारी शेयर की है। आप प्रिंटर के अलग अलग प्रकार और उनमें क्या क्या फर्क होता है? किस प्रिंटर में प्रिंटिंग के लिए किस तकनीकी का इस्तेमाल होता है इसकी सारी जानकारी प्राप्त कर ली होगी।

आपको प्रिंटर के बारे में दी गयी यह जानकारी बढ़िया लगी तो आप अपने सोश्ल मीडिया पर दोस्तों के साथ में आर्टिक्ल को शेयर कर दें। आपको कंप्यूटर से जुड़े अन्य आर्टिक्ल पढ़ने है तो हमारे ब्लॉग को bookmark करना न भूलें।

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पवन सिंह शेखावत
पवन सिंह शेखावत

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम पवन सिंह है, मैंने कंप्यूटर साइन्स के अंदर अपनी स्नातक की डिग्री पूरी की है। मुझे इंटरनेट, टेक्नॉलजी, कंप्यूटर के बारे में जानने की काफी ज्यादा दिलचस्पी है, जिस कारण मैंने इस ब्लॉग को बनाया है जिसमें आपको इंटरनेट, टेक्नॉलजी, कंप्यूटर, मोबाइल, टिप्स ट्रिक्स के बारे में बताने वाला हूँ। अगर आपको मेरे आर्टिक्ल पसंद आते है तो मुझे Social Media पर Follow जरूर कर लें।

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